मानसून के दौरान भारी बारिश से देश के कई राज्यों के हालात खराब हैं। कई नदियां उफान पर हैं और इस कारण उस इलाके के गांवों ओर शहरों की बुरी स्थिति है। महाराष्ट्र, बंगाल, मध्यप्रदेश, राजस्थान और बिहार के कई जिलों में बाढ़ से हालात हैं।
महाराष्ट्र के प्रभावित तटीय इलाकों में राहत शिविर
महाराष्ट्र में जमियत-ए-उलामा हिंद (Jamiat-i-Ulama Hind, JuH) ने राज्य के तटीय इलाकों में बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविरों की शुरुआत की है। इनमें चिकित्सा के भी इंतजाम हैं। ऐसा ही एक चिकित्सा शिविर चिपलुन के महाकाली मंदिर में बनाया गया है। यह जानकारी JuH के अध्यक्ष अरशद मदनी ने दी। बाढ़ के कारण प्रभावित इलाकों में खाने के लिए बिस्कुट, पानी की बोतलों समेत अन्य जरूरी सामानों का वितरण कराया जा रहा है।
बाढ़ से बेहाल हुआ पश्चिम बंगाल
पश्चिम बंगाल में बाढ़ के कारण प्रभावित सात जिलों में अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है। इन जिलों से तीन लाख लोगों को बचाकर रेस्क्यू सेंटर में लाया गया है। इन जिलों में 4 लाख हेक्टेयर से अधिक खेती वाला क्षेत्र पानी में डुब चुका है। राज्य में बाढ़ के कारण हालात खराब हैं। प्रभावित इलाकों में खाने के पैकेट, दवाईयां और पीने के पानी का इंतजाम किया गया है। पूर्व व पश्चिम बर्धमान, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा, दक्षिण परगना और बीरभूम जिलों में बाढ़ का प्रकोप है। इस बीच बांधों से छोड़े गए पानी ने यहां की स्थिति को और बदतर कर दिया। इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत भी की।
मध्यप्रदेश में लबालब पानी में डूबी सड़कें, ऑटोरिक्शा में बच्चे का हुआ जन्म
मानसून की भारी बारिश व बांध से छोड़े गए पानी ने राज्य में बाढ़ की स्थिति बना दी है। सेना द्वारा राहत और बचाव कार्य जारी है। इस बीच गुरुवार को मध्यप्रदेश में एक गर्भवती महिला की डिलीवरी ऑटो रिक्शा में ही करना पड़ी। दरअसल राजगढ़ जिले के सुथालिया टाउन में अस्पताल जाने को निकली महिला का ऑटोरिक्शा बाढ़ के कारण डूबी सड़क पर फंस गया था। उल्लेखनीय है कि घरों में बाढ़ का पानी घुस जाने के कारण लोग पहाड़ों, मंदिर, ट्रैक्टर, खुले मैदान में रहने को मजबूर हैं।