निवेशकों को शेयर बाजार में निवेश ( Investing in Stock ) करते समय अधिकतम सावधानी बरतनी चाहिए और फायदे के झांसे की कहानियों से दूर रहना चाहिए। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम ने कहा कि एक निवेशक को अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए निवेश करना चाहिए और बुनियादी बातों के अध्ययन में समय लगाना चाहिए।
बीएसई द्वारा जारी बयान में सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम के हवाले से कहा गया, ‘‘इक्विटी बाजार में निवेश के लिए एक व्यापक सिद्धान्त है कि किसी की उम्र को 100 से घटाया जाए और उतने प्रतिशत राशि को इक्विटी बाजार में तथा बाकी राशि अन्य परिसंपत्ति वर्गों में निवेश की जाए।’’
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य जी महालिंगम चेन्नई में बीएसई निवेशक संरक्षण कोष (बीएसई आईपीएफ) द्वारा आयोजित एक निवेशक जागरूकता संगोष्ठी में बोल रहे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन सेबी, डिपॉजिटरी सीडीएसएल और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर किया गया। कार्यक्रम ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ श्रृंखला के तहत आयोजित किया गया था।
इस बीच, सेबी ने यह भी कहा है कि पंजीयक और शेयर हस्तांतरण एजेंटों (आरटीए) से कहा है कि वे संयुक्त खाताधारकों में किसी की मृत्यु होने पर जीवित खाताधारक के पक्ष में प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करें। सेबी ने कहा कि कुछ मामलों में यह देखा गया है कि किसी खाताधारक के निधन पर कानूनी प्रतिनिधि के दावे या विवाद के कारण आरटीए ने जीवित संयुक्त खाताधारक को प्रतिभूतियों का हस्तांतरण नहीं किया।
सेबी ने एक परिपत्र में आरटीए को कंपनी अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन करने और एक या अधिक संयुक्त धारक (धारकों) के निधन की स्थिति में जीवित संयुक्त धारक (धारकों) के पक्ष में प्रतिभूतियों को हस्तांतरित करने के लिए कहा। बाजार नियामक ने साथ ही कहा कि ऐसा तभी किया जाएगा, जब कंपनी के परिचालन दिशानिर्देशो में इसके विपरीत कुछ भी न हो।