डिफेंस इंडस्‍ट्रीज कारिडोर के निवेशकों के लिए खतरे की घंटी, सब्सिडी की राशि जमा न की तो रद हो सकते हैं आवंटन

डिफेंस इंडस्ट्रीज कारिडोर के अलीगढ़ नोड में फैक्ट्री स्थापित होने से पहले ही निवेशकों के लिए दिक्कतें खड़ी होने लगी हैं। इनके प्लाटों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है। प्रदेश एक्सप्रेसवेज औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने सब्सिडी राशि जल्द जमा करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। इसके लिए उद्यमियों को नोटिस जारी किए गए हैं। इसमें कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। दरअसल, सब्सिडी को लेकर विवाद बना हुआ है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की डीपीआर में निवेशकों को कारिडोर में निवेश के अनुसार जमीन खरीदने पर 25 फीसद सब्सिडी देने की व्यवस्था थी। इस शर्त के अनुसार भूमि आवंटित की गई। कंपनियों के नाम रजिस्ट्री भी की गई, लेकिन यूपीडा इस शर्त से पीछे हट गया है। इसके चलते उद्यमियों की ओर से दाखिल किए नक्शे भी अटक गए हैं।

19 कंपनियों को प्‍लाट आवंटित

अलीगढ़ के खैर तहसील क्षेत्र स्थित अंडला में स्थापित हो रही इस कारिडोर में अब तक 19 कंपनियों को 21 प्लाट आवंटित किए गए हैं। इन सभी को कब्जे भी दिला दिए गए हैं। निवेशकों का कहना है कि शुरुआत में 25 फीसद सब्सिडी के हिसाब से ही योजना बनाई गई। रजिस्ट्री होने के बाद तक सब्सिडी को लेकर कोई पेंच नहीं था, लेकिन अचानक सब्सिडी से यूपीडा पीछे हट गया है और सब्सिडी वाली राशि बकाया बताकर जमा करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इस संबंध में पीएम व सीएम को पत्र लिखे गए हैं। चार जनवरी को सीएम अलीगढ़ आ रहे हैं। उनसे मुलाकात की कोशिश की जाएगी। रक्षामंत्री से भी समय मांगा गया है। वहीं, यूपीडा अधिकारियों का कहना है कि सब्सिडी को लेकर शुरू में भ्रम था, जो कि दूर हो गया है। सब्सिडी नहीं दी जा रही है। शेष राशि निवेशकों को जमा करनी होगी। ऐसा न करने पर कार्रवाई की जाएगी। इसके नोटिस निवेशकों को दिए गए हैं।

96 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण

पीएम ने वर्ष 2018 में योगी सरकार की पहली यूपी समिट में देश के पहले डिफेंस कारिडोर विकसित करने का एलान किया था। इसके बाद अलीगढ़ में डिफेंस कारिडोर समिट का आयोजन किया। मुख्यअतिथि तत्कालीन रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण व सीएम योगी ने अलीगढ़ में डिफेंस कारिडोर को मूर्त रूप देने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया। प्रदेश के चयनित छह जिलों में अलीगढ़ का भी चयन किया गया। अलीगढ़ -पलवल मार्ग स्थित अंडला पर कारिडोर के लिए दो बार में जिला प्रशासन ने भूमि का अधिग्रहण किया। अब तक 96 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है। यह जमीन आवंटित भी की जा चुकी है।

2500 करोड़ रुपये का होगा निवेश

आत्मनिर्भर भारत के तहत सेना के लिए देश में ही रक्षा हथियार बनाए जाने हैं। अभी तक ये विदेशों से मंगाए जाते थे। देश में हथियार बनाने के लिए कारिडोर स्थापित किया जा रहा है। यूपी में छह जिलों में कारिडोर होगा, जिसमें अलीगढ़ नोड महत्वपूर्ण है। इसमें 2500 करोड़ रुपये के निवेश के लिए एमओयू साइन किए गए हैं। निवेशकों की रूचि के हिसाब से 400 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जा सकती है।

एमएसएमई की अनदेखी, बड़े उद्योगपतियों को छूट

कारिडोर के लिए यूपीडा ने अलीगढ़ को कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को लेकर चयन किया था। एनसीआर के निकट, अंतरराष्ट्रीय जेवर हवाई अड्डा, एक्सप्रेस वेज व राष्ट्रीय राजमार्गों का जाल, जल व वायु भी शामिल हैं। साथ ही अलीगढ़ के पारंपरिक एमएसएमई को विकसित करने व इसे आधुनिकता से जोडऩा भी शामिल है। सब्सिडी को लेकर फंसे पेंच में निवेशक तर्क दे रहे हैं कि मेगा एंकर कंपनी को 25 फीसद सब्सिडी की छूट दी जा रही है। इस कंपनी में 300 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश शामिल है। यूपीडा के इस दोहरे मापदंड पर निवेशकों ने एतराज जताया है।

मेंटीनेंस चार्ज वसूलना शुरू

कारिडोर अभी विकसित हुआ नहीं है। निवेशकों से मेंटीनेंस चार्ज वसूलना शुरू हो गया है। निवेशकों का कहना है कि न तो सड़क है, न ही सुरक्षा, बिजली, पानी, ड्रेनेज व्यवस्था भी नहीं है।

इनका कहना है

विभाग की ओर से बकाया पैसा वसूलने के लिए निवेशकों को बार-बार नोटिस भेजे जा रहे हैं, ताकि पैसा जमा हो सके। सब्सिडी को लेकर पहले भ्रम की स्थिति थी, अब पैसा जमा कराने के सख्त निर्देश हैं, ताकि दाखिल किए नक्शों को पास किया जा सके। एक कंपनी ने पैसा जमा भी कर दिया है।

पीएम व सीएम के महत्वाकांक्षी इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर यूपीडा की मनमानी का ग्रहण है। जब कंपनियों को प्लाट आवंटित कर कब्जे दे दिए, फिर सब्सिडी के पैसा जमा करने के लिए दबाव बनाना औद्योगिक विकास के लिए ठीक नहीं। हमने सीएम के लिए पत्र लिखे हैं।

– शलभ ङ्क्षजदल, अध्यक्ष, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, अलीगढ़ चैप्टर