ओबीसी कर्मी एक बार फिर सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। कर्मचारी नेता दीपक जोशी के खिलाफ कार्रवाई के विरोध में कार्मिकों आंदोलन छेड़ दिया है। बुधवार को कार्मिकों ने शहर में वाहन रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और आमजन से भी समर्थन की अपील की।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के आह्वान पर बड़ी संख्या में कर्मचारी विधानसभा के बाहर एकत्रित हुए। जहां से दुपहिया वाहनों पर सवार होकर कर्मचारी रैली की शक्ल में रवाना हुए। हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कारगी चौक, आइएसबीटी, बल्लीवाला चौक, बल्लूपुर, चकराता रोड, सर्वे चौक, आराघर, रिस्पना पुल होते हुए वापस विधानसभा के बाहर ही रैली संपन्न हुई। यहां पर हुई सभा में एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष दीपक जोशी और महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कर्मचारियों को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि सरकार कर्मचारियों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। बीते आठ अक्टूबर को मशाल जुलूस निकालने पर कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना सरकार की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है। वक्ताओं ने कहा कि सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई के खिलाफ एसोसिएशन का आंदोलन जारी रहेगा। इसी क्रम में बुधवार को देहरादून समेत सभी जिला मुख्यालयों में दुपहिया रैली निकाली गई। रैली के माध्यम से आक्रोश प्रकट करने के साथ ही पांच सूत्री मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। इस दौरान एसोसिएशन के महासचिव वीरेंद्र सिंह गुसाईं ने कहा कि शासन की ओर से दीपक जोशी के खिलाफ बैठाई गई जांच वापस न लिए जाने तक और पूर्व में बनी सहमति के अनुसार मांगों पर कार्रवाई न होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
रैली में आशुतोष बहुगुणा, मुकेश ध्यानी, जगमोहन सिंह नेगी, रेणू लांबा, सोहन सिंह रावत, डीपी चमोली, विक्रम सिंह झिक्वाण, मानवेंद्र बत्र्वाल, बीएस रावत, धीरेंद्र कुमार, भूपेंद्र प्रकाश जोशी, वीके धस्माना, हीरा सिंह बसेड़ा समेत दर्जनों कार्मिक शामिल थे।