बुजुर्गों पर नई रिसर्च:उम्रदराज साथी की देखभाल से तनाव बढ़ता है, नाती-पोतों के साथ वक्त बिताने से अकेलापन दूर होता है

अपने नाती-पोतों को खिलाना बुजुर्गों को काफी पसंद होता है। वे अपने बच्चों से ज्यादा नाती-पोतों पर दुलार करते हैं। लंदन के किंग्स कॉलेज के वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक रिसर्च में पाया कि नाती-पोतों को पार्क ले जाना, स्कूल से घर लेकर आना और बाजार ले जाने से उनका अकेलापन दूर होता है। साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है।

बीमार साथी की देखभाल बुजुर्गों के लिए बोझिल

वहीं, अपने किसी बीमार साथी की देखभाल करने से बुजुर्गों में मानसिक तनाव बढ़ता है। यह उन्हें खर्चीला और बोझिल लगता है। 21 देशों के 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के 1 लाख 90 हजार बुजुर्गों पर यह स्टडी की गई। इसमें सामने आया कि समाज की भलाई और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करने से भी बुजुर्गों को कम अकेलापन महसूस होता है।

ऐसे बुजुर्ग जो हर हफ्ते 12 घंटे से ज्यादा वक्त नाती-पोतों के साथ बिताते हैं, उन्हें बाकियों की तुलना में 60% कम अकेलापन महसूस होता है। रिसर्चर सामिया अख्तर खान कहती हैं, बुजुर्गों को देखभाल की जरूरत होती है, लेकिन उन्हें बच्चों की देखभाल से अच्छा लगता है।

देखभाल से बढ़ता है बुजुर्गों का सामाजिक दायरा

नाती-पोतों को पार्क या स्कूल ले जाने से बुजुर्ग दूसरे पेरेंट्स और ग्रैंडपेरेंट्स से मिल पाते हैं। इससे उनकी जान-पहचान और सामाजिक दायरा बढ़ता है। हालांकि यह जरूरी है कि बुजुर्गों को अपने लिए पर्याप्त व्यक्तिगत समय मिले।