हरियाणा में जाट आरक्षण को लेकर 2016 में हुए आंदोलन के दौरान दर्ज केसों की वापसी को लेकर गृह मंत्री ने देर शाम कानूनविदों और अधिकारियों के साथ मंथन किया। इसमें तय हुआ कि गृह मंत्री अनिल विज जल्द ही जाट नेताओं से दूसरी मीटिंग करेंगे। इसके बाद सरकार 19 दिसंबर को पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान स्टे हटाने का आग्रह करेगी।
407 केस अभी भी लंबित
जाट आंदोलन के दौरान 2015 केस दर्ज किए गए थे, जिनमें 407 केस अभी लंबित हैं। 129 मामले ऐसे हैं, जो बेहद गंभीर हैं। इनमें से अधिकतर कोर्टों में चल रहे हैं। कुछ मामलों में CBI भी जांच कर रही है। इस आंदोलन के दौरान 32 लोगों की मौत हो गई थी। सरकार अब इन केसों को वापस लेने के प्रयास कर रही है।
हाईकोर्ट में स्टे हटवाने का प्रयास
पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में 19 दिसंबर को होने वाली सुनवाई के दौरान हरियाणा सरकार स्टे हटाने का आग्रह करेगी। HC ने 2018 में सुनवाई के दौरान केस वापस लेने पर रोक लगाई थी, तब से यह मामले लंबित चल रहे हैं। हालांकि इस पूरे मामले में सुनवाई के बाद ही स्थिति साफ हो पाएगी।
10 दिसंबर को जसिया में बैठक
इस पूरे मामले को लेकर भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 10 दिसंबर को गांव जसिया में एक अहम मीटिंग बुला रखी है। इस मीटिंग में हजारों की संख्या हजारों लोग भाग लेने वाले हैं। संभावना यह जताई जा रही है कि इस मीटिंग से पहले ही गृह मंत्री अनिल विज समिति के पदाधिकारियों से मीटिंग करेंगे।