कॉमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस को अलग करेगी टाटा मोटर्स:कंपनी के बोर्ड ने डीमर्जर को दी मंजूरी, इसमें 12 से 15 महीने का समय लगेगा

टाटा मोटर्स लिमिटेड के बोर्ड ने सोमवार (4 मार्च) को कंपनी के बिजनेस के ऑपरेशन को दो अलग-अलग एंटिटीज में बांटने यानी डीमर्जर की मंजूरी दे दी है। कंपनी अपने कॉमर्शियल व्हीकल्स और पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस को अलग करना चाहती है।

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज इंटीमेशन में कहा, ‘डीमर्जर 2022 की शुरुआत में किए गए PV और EV बिजनेस के सब्सिडियराइजेशन का एक लॉजिकल प्रोग्रेशन है। दोनों बिजनेस को मजबूत बनाने और हाईयर ग्रोथ हासिल करने के लिए डीमर्जर किया जा रहा है। डीमर्जर दोनों बिजनेस को अपनी-अपनी स्ट्रेटजी को आगे बढ़ाने के लिए सशक्त बनाएगा।’

डीमर्जर के बाद एक एंटिटी में कॉमर्शियल व्हीकल बिजनेस और उससे जुड़े निवेश होंगे। जबकि दूसरी एंटिटी में PV, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, जैगुआर-लैंड रोवर और रिलेटेड इन्वेस्टमेंट समेत पैसेंजर व्हीकल्स बिजनेस होंगे।

डिमर्जर को NCLT स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के माध्यम से लागू किया जाएगा
कंपनी ने कहा है कि डिमर्जर को NCLT स्कीम ऑफ अरेंजमेंट के माध्यम से लागू किया जाएगा। टाटा मोटर्स के सभी शेयरहोल्डर्स के पास दोनों लिस्टेड एंटिटीज में समान हिस्सेदारी बनी रहेगी।

डीमर्जर के लिए सभी मंजूरी को पूरा होने में 12 से 15 महीने का समय लगेगा
डीमर्जर के लिए NCLT स्कीम को टाटा मोटर्स बोर्ड, शेयरहोल्डर्स, क्रेडिटर्स और रेगुलेटर्स से मंजूरी की जरूरत होगी। सभी मंजूरी को पूरा होने में 12 से 15 महीने का समय लग सकता है।

टाटा मोटर्स के CV, PV और JLR बिजनेस 2021 से स्वतंत्र रूप से ही ऑपरेट किए जा रहे हैं। डीमर्जर के पीछे का तर्क बताते हुए कंपनी ने कहा कि CV और PV बिजनेस के बीच सीमित, लेकिन काफी तालमेल है, जिसका यूज कंपनी तीनों बिजनेस में करना चाहती है।

डीमर्जर से एम्प्लॉइज, कस्टमर्स और बिजनेस पार्टनर्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा
कंपनी को लगता है कि वह विशेष रूप से EVs, ऑटोनोमस व्हीकल्स और व्हीकल सॉफ्टवेयर के एरियाज में तालमेल का यूज कर सकती है। टाटा मोटर्स को उम्मीद है कि इस डीमर्जर से एम्प्लॉइज, कस्टमर्स और हमारे बिजनेस पार्टनर्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

डीमर्जर से हमारे शेयरहोल्डर्स की वैल्यू बढ़ेगी: चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन
चेयरमैन एन चन्द्रशेखरन ने कहा, ‘टाटा मोटर्स ने पिछले कुछ सालों में कई बड़े बदलाव किए हैं। तीन ऑटोमोटिव बिजनेस यूनिट्स अब स्वतंत्र रूप से काम कर रही हैं और लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। यह डीमर्जर उनके फोकस को बढ़ाकर बाजार द्वारा प्रदान किए गए अवसरों को बेहतर ढंग से भुनाने में उनकी मदद करेगा।’

चन्द्रशेखरन ने आगे कहा, ‘इससे हमारे कस्टमर्स को बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा। हमारे एम्प्लॉइज को बेहतर विकास की संभावनाएं मिलेंगी और हमारे शेयरहोल्डर्स की वैल्यू बढ़ेगी।’

टाटा मोटर्स ने तीसरी तिमाही में ₹7,100 करोड़ का मुनाफा दर्ज किया
टाटा मोटर्स ने तीसरी तिमाही में साल-दर-साल 133% की बढ़ोतरी के साथ 7,100 करोड़ रुपए का मुनाफा दर्ज किया है। एक साल पहले की समान तिमाही में ये ₹2,958 करोड़ था। Q3FY24 में कंपनी का रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 25% बढ़कर ₹1,10,577 करोड़ रुपए रहा। पिछले फाइनेंशियल ईयर की इसी अवधि में ये 88,489 करोड़ रुपए रहा था।

टाटा मोटर्स का ऑपरेटिंग प्रॉफिट अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 59% बढ़ा
टाटा मोटर्स का ऑपरेटिंग प्रॉफिट (EBITDA) अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 59% बढ़कर 15,333 करोड़ रुपए रहा। एक साल पहले यह ₹9,644 करोड़ रहा था। वहीं EBITDA मार्जिन की बात करें तो यह 13.94% पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में यह 12.9% रहा था।