जर्जर हो चुके जाजमऊ के पुराने गंगा पुल पर फिलहाल यातायात बंद करने के लिए एनएचएआई के अधिकारी मंथन कर रहे हैं। इसके लिए डीएम को पत्र लिखकर अनुमित मांगने की तैयारी एनएचएआइ के अफसर कर रहे हैं। यह कवायद पुल की मरम्मत के लिए की जा रही है, इस दौरान करीब 10 से 12 दिन के लिए यातायात रोका जाएगा। नवंबर के दूसरे सप्ताह के अंदर ही मरम्मत का काम शुरू होने की उम्मीद है।
1970 में बना पुराना गंगापुल बेहद खराब हालत में है। उसकी कई बेयरिंग टूटने के साथ ज्वाइंट भी दिखने लगे हैं। पुल पर बड़े-बड़े गढ्डों की वजह से हादसे का खतरा भी बना रहता है। एनएचएआई ने पुल की मरम्मत कराने की तैयारी शुरू की है। रामादेवी, जाजमऊ, गंगा पुल के पास और उन्नाव की तरफ की तरफ आधा दर्जन जगहों पर संकेतक लगाए जाएंगे ताकि वाहन सवारों को पुल की मरम्मत कार्य की जानकारी हो सके।
पुल पर दो बड़े वाहनों के बीच की दूरी 30 मीटर और उनकी रफ्तार 30 किमी प्रति घंटा होगी। पहले नए गंगापुल से लखनऊ से आने वाले वाहनों को शहर में एंट्री देने की तैयारी थी लेकिन बाद में वाहनों के लोड को देखते हुए फैसला बदला गया है। परियोजना प्रबधंक पंकज मिश्रा ने पीडब्ल्यूडी और सेतु निगम के अधिकारियों से संपर्क कर लखनऊ से आने वाले वाहनों को कहां से कितने किमी पर डायवर्ट किया जाए, इन सभी बिंदुओं पर रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
ओवरलोडिंग की वजह से उखड़ जाती है सड़क
पुराने गंगापुल में ओवरलोडिंग वाहनों की आवाजाही अधिक है। इससे सड़क पर धीरे-धीरे गड्ढे हो जाते हैं और मौजूदा समय में पुल की सरिया भी दिखाई देने लगी हैं। एनएचएआई के अधिकारी ओवरलोडिंग वाहनों की सूची बनाकर आरटीओ को दे देते हैं, जिसपर कार्रवाई की जाती है।
नवंबर में भी बंद किया गया था पुल
नवंबर 2019 में तत्कालीन परियोजना प्रबंधक पुरषोत्तम लाल चौधरी ने पुराने गंगापुल को बंद कराकर मरम्मत का काम शुरू कराया था। इसके बाद ओवरलोडिंग की वजह से पुल की सड़क बार-बार उखड़ती चली गई। भारी वाहनों की संख्या ज्यादा होने पर पुल कंपन करने लगता है।