सरकार बोली- नेहरू के दस्तावेज सोनिया लौटा नहीं रहीं:17 साल पहले 51 बक्सों में दिए थे, उन्हें पब्लिक आर्काइव में होना चाहिए

केंद्र सरकार ने बुधवार को साफ किया कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े निजी कागजात (पेपर्स) प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (PMML) से गायब नहीं हैं, बल्कि उनका हमें पता है।

सरकार ने कहा कि नेहरू के 51 कार्टन पेपर्स सोनिया गांधी के पास हैं। 2008 में गांधी परिवार के अनुरोध पर ये पेपर्स आधिकारिक तौर पर सौंपे गए थे। वे उनकी निजी संपत्ति नहीं, बल्कि देश की धरोहर हैं।

सरकार ने सोनिया से पेपर्स वापस करने की मांग की है, ताकि नेहरू के समय के महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड तक पहुंच आसान हो सके क्योंकि ये दस्तावेज पब्लिक आर्काइव में होने चाहिए, बंद दरवाजों के पीछे नहीं।

केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने X पर एक पोस्ट में 15 दिसंबर को संसद में सांसद संबित पात्रा के उठाए सवाल का लिखित जवाब दिया।

दरअसल, नेहरू पेपर्स भाजपा और कांग्रेस के बीच विवादित मुद्दा रहा है। संबित पात्रा ने संसद में कहा था कि नेहरू से जुड़े कागज प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय से गायब हैं।

शेखावत के सोनिया गांधी से सवाल

  • जिस बात का जवाब चाहिए वह यह है, PMML की तरफ से कई बार याद दिलाने के बावजूद, ये कागजात वापस क्यों नहीं किए गए? देश को सच्चाई जानने का हक है।
  • यह मामूली बात नहीं है। इतिहास चुनिंदा तरीके से नहीं दिखाया जा सकता। पारदर्शिता लोकतंत्र की नींव है। आर्काइव में खुलापन इसकी नैतिक जिम्मेदारी है जिसे गांधी परिवार को निभाना चाहिए।
  • सोनिया जी देश को बताएं, क्या छिपाया जा रहा है। इन कागजात को वापस न करने के जो बहाने दिए जा रहे हैं, वे मानने लायक नहीं हैं। दस्तावेज अभी भी पब्लिक आर्काइव से बाहर क्यों हैं।

    प्रधानमंत्री संग्रहालय में रखे जाने हैं दस्तावेज

    PMML सोसाइटी के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह हैं। संस्कृति मंत्रालय की X पर की गई पोस्ट में लिखा है- “जेएन पेपर्स पर 29.04.2008 के लेटर के मुताबिक सोनिया गांधी के प्रतिनिधि एमवी राजन ने रिक्वेस्ट की थी कि गांधी पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू के सभी प्राइवेट पारिवारिक लेटर और नोट्स वापस लेना चाहती हैं। इसी के बाद नेहरू पेपर्स के 51 कार्टन उन्हें भेजे गए थे।”

    PMML तब से सोनिया गांधी के ऑफिस के साथ इन पेपर्स को वापस लेने के लिए लगातार बातचीत कर रहा है, जिसमें PMML से उन्हें भेजे गए लेटर, जिनकी तारीख 28-01-2025 और 03-07-2025 है, शामिल हैं। PMML के पास इनकी कस्टडी और नागरिकों और विद्वानों को रिसर्च के लिए इनकी पहुंच बहुत जरूरी है।

    नेहरू के निधन के बाद, राजधानी में तीन मूर्ति भवन नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय (NMML) बन गया, जिसमें किताबों और दुर्लभ रिकॉर्ड का कलेक्शन था। 2023 में इसका नाम प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर दिया गया।

    जयराम ने कहा था- सराकर माफी मांगे, शेखावत बोले- सोनिया से कहें वादा निभाएं

    इस पूरे विवाद पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि सरकार खुद मान चुकी है कि कोई दस्तावेज गायब नहीं है, इसलिए अब उसे अपने झूठे आरोपों के लिए माफी मांगनी चाहिए।

    उन्होंने X पर लिखा- सच्चाई आखिरकार लोकसभा में सामने आ गई। क्या अब माफी मांगी जाएगी?

    इस पर शेखावत ने जवाब देते हुए लिखा है- आपके लिए सोनिया गांधी से यह आग्रह करना ज्यादा सही होगा कि वे अपना वादा निभाएं और ये कागजात PMML को लौटा दें।

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