ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के बीच अराजकता और आतंक भड़काने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को दोषी ठहराया है।
हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ईरान में जारी हिजाब विरोधी प्रदर्शनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा- ‘मैं ईरान में विरोध कर रहे लोगों के साहस से हैरान हूं। अमेरिका, ईरान की बहादुर महिलाओं के साथ खड़ा है। ईरान सरकार को लोगों के मौलिक अधिकारों समझना चाहिए और उनकी रक्षा करनी चाहिए। उन्हें हिंसा खत्म कर देनी चाहिए।’
बाइडेन के बयानों से अराजकता फैल रही
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा- ‘अमेरिकी राष्ट्रपति, जो अपने बयानों से दूसरे देश में अराजकता, आतंक और अशांति भड़का रहे हैं, उन्हें ये याद दिला दिया जाना चाहिए की ईरान के धार्मिक नेता आयोतोल्लाह रुहोल्लाह खोमेनी ने अमेरिका को शैतान कहा था।’
ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी आपत्ति जताई
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के देशव्यापी हिजाब विरोधी प्रदर्शनों के समर्थन पर ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने भी आपत्ति दर्ज की है। उन्होंने कहा- ‘बाइडेन ने दंगों का समर्थन करके ईरान के आंतरिक मामलों में दखल दिया है। उनका कहना है हाल के दिनों में अमेरिकी प्रशासन ने कई तरह से ईरान में अशांति को भड़काने की कोशिश की हैं।’
हिजाब नहीं पहनने पर जुर्माना
ईरान में वैसे तो हिजाब को 1979 में मेंडेटरी किया गया था, लेकिन 15 अगस्त को प्रेसिडेंट इब्राहिम रईसी ने एक ऑर्डर पर साइन किए और इसे ड्रेस कोड के तौर पर सख्ती से लागू करने को कहा गया। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया।
1979 में ईरान इस्लामिक रिपब्लिक हो गया। शियाओं के धार्मिक नेता आयोतोल्लाह रुहोल्लाह खोमेनी को ईरान का सुप्रीम लीडर बना दिया गया। यहीं से ईरान दुनिया में शिया इस्लाम का गढ़ बन गया। खोमेनी ने महिलाओं के अधिकार काफी कम कर दिए।
ईरान में विरोध प्रदर्शन की वजह
ईरान पुलिस ने 13 सितंबर को महसा अमिनी नाम की युवती को हिजाब नहीं पहनने के लिए गिरफ्तार किया था। तीन दिन बाद, यानी 16 सितंबर को उसकी मौत हो गई थी। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमिनी गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही कोमा में चली गई थी। उसे अस्पताल ले जाया गया। रिपोर्ट्स में कहा गया कि अमिनी की मौत सिर पर चोट लगने से हुई। पुलिस ने दावा किया कि अमिनी की मौत हार्टअटैक की वजह से हुई।
30 शहरों में फैला प्रदर्शन
ईरान में लगभग एक महीने से चल रहा हिजाब विरोधी प्रदर्शन 30 शहरों में फैल चुका है। सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद विरोध प्रदर्शनों पर रोक नहीं लग पा रही है। इस बीच पुलिस फायरिंग में अब तक 210 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दो हजार से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
प्रदर्शनकारियों को साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती कर रहा ईरान
ईरान के शिक्षा मंत्री का कहना है कि हिजाब का विरोधी करने वाली स्कूल और कॉलेज की छात्राओं की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्होंने कहा- ये सभी छात्राएं दिमागी रोग से ग्रसित हैं। इन छात्राओं को साइकेट्रिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया जा रहा है। जिससे इन छात्राओं में पनप रहे असामाजिक व्यवहार को दुरुस्त किया जा सके।