दिल्ली और हरियाणा के बीच अब नया विवाद शुरू हो गया है। अब दिल्ली में कोरोना काल में आक्सीजन पर आई रिपोर्ट को लेकर दोनों राज्य आमने-सामने आ गए हैं। हरियाणा ने अरविंद केजरीवाल के रवैये पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि उसके हिस्से के आक्सीजन को भी दिल्ली चट कर गया।
मुख्यमंत्री, गृह मंत्री और पूर्व शिक्षा मंत्री ने आक्सीजन की मांग पर दिल्ली सरकार के रवैये पर उठाए सवाल
हरियाणा सरकार का कहना है कि महामारी की दूसरी लहर में दिल्ली सरकार द्वारा जरूरत से चार गुणा ज्यादा आक्सीजन मांगे जाने का असर हरियाणा के मरीजों की सांसों पर भी पड़ा है। आक्सीजन की कमी से प्रदेश में सैकड़ों लोग मौत का शिकार हुए।
कहा- दिल्ली सरकार के जरूरत से चार गुणा ज्यादा आक्सीजन मांगे जाने से हरियाणा के मरीजों पर पड़ा असर
हरियाणा के गृह, स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री अनिल विज का तो यहां तक कहना है कि दिल्ली सरकार ने कोरोना काल में हमारे आक्सीजन से भरे टैंकर तक लूट लिए। बाकी राज्यों की तरह हरियाणा के भी हिस्से की आक्सीजन का कोटा कम कर दिल्ली सरकार को दिया गया, लेकिन इसके बावजूद दिल्ली सरकार अपने यहां होने वाली मौतों में कमी नहीं ला सकी है।
अनिल विज ने ट्वीट कर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वहां की सरकार पर हमला किया। उन्होंने हरियाणा में आक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत के लिए अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया जाए। विज ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘ झूठे आंकड़े प्रस्तुत कर दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने कोरोना काल मे आवश्यकता से अधिक ऑक्सीजन हासिल करने से जो अन्य राज्यों पर इसका असर पड़ा है तथा वहां पर आक्सीजन की कमी से जिन रोगियों की मृत्यु हुई है उसके लिए केजरीवाल तथा उसके सहयोगियों पर हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।’
विज ने लिखा है, ‘एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर जांच करवानी चाहिए कि आवश्यकता से अधिक जो दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन हासिल की उसका इन्होंने क्या किया। यह भी पता लगाना चाहिए कि कहीं उसको बेच कर मुनाफा तो नही कमाया गया है।’
सुप्रीम कोर्ट की तरफ से गठित समिति की रिपोर्ट आने के बाद हरियाणा ने इस पर प्रति सहमति जताई है। विज ने कहा कि दिल्ली के साथ लगते हरियाणा के जिलों खासकर गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत के अस्पतालों में दिल्ली के लोग इलाज के लिए भर्ती हुए। मानवता व सामाजिक जिम्मेदारी के नाते हमने किसी भी बाहरी व्यक्ति को अपने यहां इलाज कराने से नहीं रोका। उपलब्ध बेड के आधार पर हमने सभी को भर्ती किया और समुचित उपचार दिया। इसके बदले में हमें क्या मिला..सिर्फ दिल्ली सरकार की आलोचना।विज ने कहा कि जब दिल्ली सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने आक्सीजन की कमी की हाय-तौबा मचाई, तब केंद्र ने हरियाणा समेत करीब एक दर्जन राज्यों के कोटे में कमी कर उन्हें आक्सीजन दी। हमें पहले दिन से दिल्ली से कम आक्सीजन मिल रही थी, लेकिन हमने अपने इंतजाम करते हुए देश के सात अलग-अलग स्थानों से आक्सीजन मंगवाई। हमारी सरकार ने हवाई मार्ग से आक्सीजन मंगवाने के लिए खाली टैंकर भेजे। यदि दिल्ली सरकार कृत्रिम कमी पैदा कर इतनी हाय तौबा नहीं मचाती तो काफी लोगों को मरने से बचाया जा सकता था।
रामबिलास शर्मा बोले- दिल्ली सरकार के कर्ताधर्ताओं ने घृणित राजनीति की
हरियाणा के पूर्व शिक्षा एवं संसदीय मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा का कहना है कि दिल्ली सरकार के कर्ता-धर्ताओं ने ऐसे समय पर घृणित राजनीति करने का काम किया है, जब लोगों को अपने आत्मीयजनों की सांसों को बचाए रखने की चिंता बनी हुई थी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी माना कि दिल्ली सरकार के कारण हरियाणा समेत कई राज्यों के लोगों ने सांसों का संकट झेला है। उन्होंने दैनिक जागरण से कहा कि दिल्ली सरकार व्यवस्थाएं बनाने में नाकामयाब रही है। अपनी विफलता का ठीकरा केंद्र के सिर फोड़ने की मंशा कामयाब नहीं हुई तो आक्सीजन की किल्लत का स्वांग रचा गया।
मनोहर लाल ने बताया कि एक समय ऐसा भी आया था, जब हमें करीब 300 मीट्रिक टन आक्सीजन की जरूरत थी, लेकिन हमारे पास 232 मीट्रिक टन आक्सीजन थी। केंद्र ने हमारा 70 मीट्रिक टन आक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया था। इसके बावजूद आक्सीजन की कमी को हमने अपने संसाधनों के जरिये पूरा किया। आज स्थिति यह है कि हम कोरोना की तीसरी लहर से निपटने को तैयार हैं तथा हर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एक आक्सीजन प्लांट लगाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।मनोहर लाल ने सवाल किया कि बात-बात में स्कूल और अस्पतालों में बेहतर व्यवस्थाओं का दम भरने वाले केजरीवाल यह बताएं कि यदि वास्तव में आक्सीजन की कमी थी तो हरियाणा की तरह वह दिल्ली में अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर इसे पूरा क्यों नहीं कर पाए?, दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने अपनी तरफ से दिल्ली में आक्सीजन की कोई कमी नहीं होने दी।